Monday, May 31, 2010

एफ़ एम गोल्ड के प्रस्तुतकर्त्ताओं का हाल अब आउटलुक की ज़बानी जानिये

आउटलुक (हिन्दी) के सम्पादक ने जब एफ़ एम गोल्ड की हालत की खबरें सुनीं तो उन्हें चिंता हुई. उसका नतीजा यह स्टोरी है. कोई भी संवेदनशील नागरिक इन बातों को गंभीरता से लेगा. पढ़िए आप भी.

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6 comments:

  1. बहुत सही और संवेदनशील तरीके से अजीत सिंह ने पूरे मामले को हमारे सामने रखा है।..शुक्रिया।.

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  2. विनीत भाई, आप ने जो चिंगारी दिखाई ये उसी से पैदा लपटें हैं। आपकी दमदार कवरेज ने इस मामले की गंभीरता समझाई और कम से कम मुझे तो लिखने में बहुत मदद मिली।

    - अजीत

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  3. Ab kuch to harkat main aayenge...

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  4. The LADY incharge of FM Gold is really hopeless. She demoralises anchors and sometimes crack jokes bellow standards. She is shameless.Her behaviour with unmariied girls is disgusting. She love gifts and flattering.
    I hope things will take proper place and she will get what she really "deserves".
    Wish u all the best and heartiest supports from my end.
    Rumi

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  5. उदघोषकों को भुगतान न मिलने की बात हो या फिर घटिया कार्यक्रमों की, ऍफ़ एम गोल्ड का जवाब नहीं! पिछले कुछ समय से हालात बाद से बदतर होते जा रहे हैं...मैं तो रेडियो बचाओ ब्लॉग शुरू करने वालों को बहुत-बहुत बधाई देना चाहूँगी कि उन्होंने इतना अच्छा प्रयास किया है रेडियो की विसंगतियों को सबके सामने लाने का. आखिर लोगों को भी तो पता चले की मधुर संगीत के पीछे कितना कड़वे सच छिपे हैं.

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  6. Gone are the days when "Sarkari Mentality" worked and nobody would know what is happening inside the government institutions. The time has changed and we have various mediums through which we can raise issues concerning us and others.
    This is really tragic that heritage institutions, like AIR and Doordarshan have all the resources and still can not touch the sky, as they lack vision. This is pathetic situation. But it should and hopefully it would change for the better!
    Keep up the good work.My best wishes are with you.

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